




द खबर एक्सप्रेस 05 नवम्बर 2023। राजस्थान विधानसभा चुनावों में इस बार एक मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है। चुनाव का रोमांच चरम पर है। राजस्थान की एक विधानसभा सीट ऐसी भी है जहाँ पर पति-पत्नी आमने सामने चुनाव लड़ेंगे। यह मुकाबला सीकर जिले की दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर होगा। रीटा सिंह जहां यहां पर जेजेपी पार्टी का दामन थामकर चुनाव मैदान में डटी हैं। वहीं उनके पति एवं वर्तमान कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र सिंह ने भी कांग्रेस से ताल ठोक दी है।
पति-पत्नी की राजनीतिक राहे अलग हो गई थीं
साल 1995 में रीटा चौधरी ने पहली बार दांतारामगढ़ पंचायत समिति से सदस्य का चुनाव जीता था। फिर प्रधान का चुनाव दो वोटों से हार गईं। साल 2010 में सीकर जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ा और 2015 तक सीकर की जिला प्रमुख रहीं। साल 2014 में सचिन पायलट के पीसीसी चीफ रहते रीटा सिंह ने कांग्रेस प्रदेश सचिव का पद संभाला। अभी वर्तमान में रीटा सिंह को जेजेपी ने राजस्थान में महिला मोर्चा अध्यक्ष बनाया है। राजनीतिक घराने में शादी होने के कारण रीटा सिंह भी राजनीति में सक्रिय रही। लेकिन बाद में पारिवारिक मतभेदों के चलते पति और पत्नी की राजनीतिक राहें अलग हो गईं। बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 से पति और पत्नी अलग-अलग रह रहे हैं। मामला ज्यादा बढ़ा तो रीटा सिंह ने पिछले दिनों जननायक जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। उसके बाद जेजेपी ने रीटा को पार्टी के महिला मोर्चा की अध्यक्ष बना दिया था। यह उसी समय लगभग तय हो गया था कि रीटा सिंह दांतारामगढ़ से चुनाव लड़ेंगी।
रोचक हुआ चुनावी मुकाबला
वीरेन्द्र सिंह ने भी टिकट की घोषणा हुए बिना नामांकन दाखिल कर दिया था। कांग्रेस ने 4 नवम्बर की अर्धरात्रि में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में वीरेंद्र सिंह के नाम की घोषणा कर दी। नामांकन के बाद ही यह तय हो गया था कि यहां पति और पत्नी के बीच मुकाबला होगा। दांतारामगढ़ वो इलाका है जहां से पूर्व सीएम एवं उपराष्ट्रपति रहे बीजेपी के दिग्गज नेता भैरों सिंह शेखावत भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन इस बार यहां पति और पत्नी के आमने सामने होने से चुनावी मुकाबला रोचक हो गया है।
