



द खबर एक्सप्रेस 06 अक्टूबर 2023। राजस्थान समेत पांच राज्यो में विधानसभा चुनाव होने है उसके अगले वर्ष 2024 में लोकसभा के चुनाव है। इन चुनावों से पहले बिहार की सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़ें सार्वजनिक किए है। इन आंकड़ों को लेकर राजस्थान की सियासत गरमा गई थी, लेकिन अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी जातिगत जनगणना होगी।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भी जातिगत जनगणना होगी
जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही भागीदारी तय होगी। सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का नारा होगा- ‘काम दिया है दिल से, कांग्रेस फिर से’.
क्या कहते हैं जातिगत जनगणना के आंकड़े ?
बिहार सरकार ने राज्य में कराई गई जातिगत जनगणना के आकंड़ें हाल ही में जारी किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है। बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है। इनमें 27% अन्य पिछड़ा वर्ग और 36% अत्यंत पिछड़ा वर्ग है, यानी, ओबीसी की कुल आबादी 63% है. अनुसूचित जाति की आबादी 19% और जनजाति 1.68% है। जबकि, सामान्य वर्ग 15.52% है।
नीतीश सरकार साढ़े तीन साल से जातिगत जनगणना करवाने की जिद पर अड़ी थी। सरकार ने 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को जातिगत जनगणना का प्रस्ताव विधानसभा और विधान परिषद से पास करवा लिया था, लेकिन इस साल जनवरी में जातिगत जनगणना का काम शुरू हुआ। हालांकि, सरकार इसे जनगणना नहीं बल्कि ‘सर्वे’ बताती है।
SC पहुंचा जातिगत जनगणना का मामला
बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। सर्वोच्च अदालत ने जातिगत सर्वे का डेटा रिलीज करने पर बिहार सरकार को नोटिस भी जारी किया है। इस नोटिस में 4 हफ्ते के अंदर जवाब देने की बात कही गई है। सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ता जवाब दाखिल करेंगे। आगे की सुनवाई जनवरी 2024 को होगी।

