



The Khabar Xpress 10 नवम्बर 2024। आपका बच्चा कितना दुबला और पतला है, इसे कुछ खिलाते क्यों नहीं हो… मेरे गोलू को देखो कितना गोल-मोल है। एक दम मोटा और तगड़ा, तुम्हारे बच्चे की तरह नहीं जो देखने में ही बीमार सा लगता है। जिन पेरेंट्स के बच्चे पतले होते हैं, उन्हें अक्सर लोगों की इस तरह की बातें सुननी ही पड़ती है। इतना ही नहीं, बच्चों के दुबलेपन से परेशान पेरेंट्स डॉक्टर के पास जाते ही यह सवाल पूछते हैं कि कोई दवा तो बताइए, जिसे खाकर मेरा बेटा मोटा और हेल्दी हो जाए। अगर आप भी उन्हीं पेरेंट्स में हैं, जिन्हें ऐसा लगता है कि बच्चा अगर दिखने में मोटा है, तभी हेल्दी है और पतला है अंदरूनी तौर पर कमजोर है, तो आप गलत हैं।
श्रीडूंगरगढ़ स्थित संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर के.एल. शर्मा के अनुसार, बच्चे के पतला होने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि वह शारीरिक तौर पर स्वस्थ्य नहीं है। स्वस्थ बच्चों की निशानी क्या है, इस विषय पर डॉ. तरुण आनंद ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है। आइए जानते हैं इसके बारे में..
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स्वस्थ बच्चों की निशानी क्या है ?
डॉ. के.एल. शर्मा का कहना है, अगर कोई बच्चा शारीरिक तौर पर दुबला-पतला है, लेकिन हमेशा खुश रहता है, रोजमर्रा की अपनी सभी एक्टिविटी को कर रहा है, तो इसका अर्थ यह है कि वह बिल्कुल स्वस्थ है। ऐसे में पेरेंट्स को घबराने और उन्हें जबरन मोटा करने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। इसके अलावा स्वस्थ बच्चों की निशानी के बारे में नीचे जानकारी दी गई है।
1. वजन और लंबाई सही होना
उम्र के हिसाब से बच्चे की लंबाई और वजन नियमित तौर पर बढ़ रही है, तो यह एक स्वस्थ बच्चे की निशानी है। आपके बच्चे का वजन और लंबाई उम्र के हिसाब से कितनी होनी चाहिए, इस विषय पर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें और समय-समय पर चेकअप करवाएं।
2. खुश और एक्टिव रहना
शारीरिक तौर पर स्वस्थ बच्चे अक्सर खुश और एनर्जेटिक होते हैं। वे खेल-कूद में भाग लेते हैं, चीजों में रुचि दिखाते हैं, और नई चीजें सीखने की कोशिश करता है।
3. भूख का संकेत
स्वस्थ बच्चों में नियमित भूख होती है। वे खाने में दिलचस्पी दिखाते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने की इच्छा होती है। अगर आपका बच्चा पतला है, लेकिन अपना खाना सही तरीके से खा रहा है, तो आपको किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए।

4. मजबूत इम्यूनिटी
स्वस्थ बच्चों में इम्यूनिटी मजबूत होती है। वे हल्की-फुल्की सर्दी-खांसी या बुखार से जल्दी उबर जाते हैं। बार-बार बीमार पड़ना या सामान्य बीमारियों से जल्दी ठीक न होना बच्चे की इम्यूनिटी के कमजोर होने का संकेत हो सकता है।
5. बौद्धिक विकास
स्वस्थ बच्चे नई बातें तेजी से सीखते हैं और उम्र के अनुसार बच्चे का बौद्धिक विकास सही तरीके से होता है। वे नई चीजों को लेकर उत्सुक होते हैं और उनमें समस्याओं को भी खुद ही हल करने की कोशिश करते हैं। अगर आपका बच्चा लगातार नई-नई चीजें सीखने की कोशिश कर रहा है, तो आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है।
निष्कर्ष
डॉ. के.एल. शर्मा की मानें, बच्चों का मोटा होना कोई अच्छी बात नहीं है। मोटे बच्चे बेशक आंखों से देखने में अच्छे लगते हों, लेकिन शारीरिक तौर पर काफी सुस्त होते हैं। उन्हें भागने-दौड़ने में परेशानी महसूस होती है। इसलिए पेरेंट्स की प्राथमिकता बच्चे का स्वस्थ रहना होना चाहिए।
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Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
