




The Khabar Xpress 05 अक्टूबर 2024। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और अनियमित डाइट हृदय संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है खराब कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना। खाद्य स्रोतों के ज़रिए शरीर को मिलने वाला कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है- एक एचडीएल कोलेस्ट्रॉल जो शरीर को फायदा पहुंचाता है, तो वहीं दूसरा एलडीएल, जो हृदय रोगों का कारण बनने लगता है। लिपिड प्रोफाइल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को जांचने का पैमाना है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के माध्यम से जाना जाता है कि आपके कोलेस्ट्रॉल में फैट की मात्रा कितनी है। यह कैसे किया जाता है, कब किया जाता है और हृदय रोगों से बचाने में कैसे मददगार है, आइए जानते हैं विस्तार से।
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लिपिड प्रोफाइल किसे कहते हैं
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार शरीर में वसा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की मदद ली जाती है। इसे कोलेस्ट्रॉल टेस्ट भी कहा जाता है। इसकी मदद से हृदय रोग और स्ट्रोक के लक्षणों के विकसित होने की जानकारी मिल पाती है। दरअसल, ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स जैसे लिपिड का स्तर बढ़ जाने से आर्टरीज़ में प्लाक बिल्डअप होने लगता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में कमी आने लगती है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।

ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स जैसे लिपिड का स्तर बढ़ जाने से आर्टरीज़ में प्लाक बिल्डअप होने लगता है।
लिपिड प्रोफाइल की जांच क्यों है ज़रूरी
इस बारे में संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल श्रीडूंगरगढ़ के डॉ के.एल. शर्मा बताते हैं कि हृदय रोग विश्व स्तर पर मौत का एक मुख्य कारण बनकर उभर रहा है। भारत भी इस गंभीर संकट का सामना कर रहा है। दरअसल, हृदय रोग सभी मौतों का लगभग एक चौथाई हिस्सा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हृदय रोग के कारण सालाना 17.9 मिलियन लोगों की जान जा रही है। युवा वयस्कों में बढ़ रही दिल के दौरे की समस्या के चलते समस्या की प्रारंभिक जांच आवश्यक है। इस चुनौती का सामना करने के लिए अर्ली स्क्रीनिंग आवश्यक है।
प्रारंभिक स्क्रीनिंग की मदद से व्यक्ति लिपिड प्रोफाइल और अन्य प्रिवेंटिव मेजर्स को समझ पाता है। इससे समस्या के शुरुआती चरणों की पूर्ण रूप से पहचान की जा सकती है और इलाज करने में भी मदद मिलती है। इससे दिल के दौरे का जोखिम कम हो सकता है।
किन लोगों को जरूर करवाना चाहिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
अमेरिकन हार्ट इंस्टीटयूट के अनुसार 20 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को लिपिड प्रोफाइल टेस्ट अवश्य करवाना चाहिए। इसके अलावा साल में एकबार इसे रिपीट करते रहना चाहिए। इससे हृदय रोगों की रोकथाम में मदद मिल जाती है। खासतौर से वे लोग जिनके परिवार में फैमीलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से कोई न कोई ग्रस्त हो चुका है, उन्हें भी ये टेस्ट अवश्य करवाना चाहिए।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। The Khabar Xpress की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
