



The Khabar Xpress 11 अक्टूबर 2024। पूरे भारत मे फिलहाल जोर शोर से “स्वच्छता सेवा पखवाड़ा” अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से सेवा पखवाड़ा आरम्भ किया था जो 2 अक्टूबर तक पूरे देश -प्रदेश में चलाया जाना है। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका द्वारा सेवा पखवाड़ा के तहत कस्बे की साफ सफाई की शुरुआत विधायक ताराचंद सारस्वत और नगरपालिका अध्यक्ष मानमल शर्मा ने अपने हाथ मे झाड़ू लेकर फोटो सेशन करवाकर की। स्वच्छता सेवा पखवाड़ा के तहत नगरपालिका प्रशासन द्वारा विभिन्न स्कूलों में भी सेमिनार कर विद्यार्थियों को जागरूक करने का अभियान चलाया गया।
आधी हकीकत आधा फ़साना
कस्बे में स्वच्छता सेवा पखवाड़ा अभियान की शुरुआत जोर शोर से की गई। प्रशासन और हमारे जनप्रतिनिधियों ने झाड़ू लेकर अपना फोटो सेशन भी करवाया। पूरे कस्बे की सफाई व्यवस्था को देखा जाए तो जितना प्रसार हुआ उससे ये कोसो दूर है। कस्बे में नगरपालिका प्रशासन द्वारा की जा रही सफाई व्यवस्था इस अभियान के लिये आधी हकीकत और आधा फ़साना वाली है। जहाँ नगरपालिका ने कस्बे की मुख्य बाजार और गलियों को आधार मानकर सफाई अभियान की आधी हकीकत दिखाई, वहीं कस्बे के मोहल्लों की स्थिति इससे इतर आधा फ़साना वाली है।
स्वच्छता सेवा पखवाड़ा की पोल खोलती है ये गलियां

एक उपस्वास्थ्य केंद्र, एक होमियोपैथिक चिकित्सालय, दो निजी स्कूल, दो सार्वजनिक सामाजिक भवन और मंदिर। ये सब एक जगह हो और उन गलियों से आम आदमी का निकलना भी दूभर हो तो क्या ये स्वच्छता सेवा पखवाड़ा पर फोटो सेशन करने वालो के मुँह पर तमाचा नहीं है। कस्बे के वार्ड 35 की राजकीय माहेश्वरी प्राथमिक विद्यालय और वहाँ स्थित राजकीय उपस्वास्थ्य केंद्र के पीछे के हालात दूसरी ही कहानी बयां कर रहे है। यहाँ के हालात ये है कि उपस्वास्थ्य केंद्र और सरस्वती विद्यालय के मध्य गली से कोई वाहन निकलना चाहे तो वो गंदे नाले की नहर को पार नहीं कर सकता है। इस गंदे नाले की नहर पर ही स्थित है छोटे-छोटे बच्चियों का प्राथमिक विद्यालय, माहेश्वरी भवन, पारीक भवन, श्रीरघुनाथ जी मंदिर, ओम टॉवर और बसे है कस्बे वासी। जब प्रशासन को पता है कि अभी हालात डेंगू रोगियों की बढ़ोतरी के लिए अनुकूल है तो वहाँ इन स्कूलों में पढ़ने वाले नोनिहालो के स्वास्थ्य पर कितना असर हो सकता है।

नगरपालिका अध्यक्ष के वार्ड भी कहानी कह रहे है दूसरी

श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष मानमल शर्मा के ठीक सामने की गली जो संस्कार इनोवेटिव पब्लिक स्कूल की तरफ जाती है उसके हालात हमारे सफाई अभियान की पोल खोलते है। जब खुद नगरपालिका अध्यक्ष के वार्ड के हालात ऐसे होंगे तो कस्बे के दूसरे हिस्सों की हम सोचे भी क्या।
विज्ञापन दीवार बनकर रह गए है हमारी धरोहरें

किसी भी शहर की पहचान होता है उसका प्रवेश द्वार। हमारे शहर में घुमचक्कर से शहर में प्रवेश करते ही बना हुआ है महेश द्वार। कालू रोड से शहर में प्रवेश किया जाता है शिव द्वार से। कस्बे के भामाशाहों ने अपनी जन्मभूमि के कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए हमें इनकी सौगात दी। श्रीडूंगरगढ़ प्रशासन और हम नागरिको के पहला कर्तव्य था इन धरोहरों को सहेजना लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण ये धरोहरें भी विज्ञापन बोर्ड बन गयी है। यहां पर पोस्टर-बेनर टांग कर इनका आकर्षक खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा नगरपालिका की मुख्य बाजार स्थित नए भवन को भी विज्ञापन द्वारा बना लिया गया है तो श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय, कस्बे की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के हालात भी बदतर हो रखे है।




