




The Khabar Xpress 15 जून 2024। श्रीडूंगरगढ़ शहर की पेयजल समस्या कितनी गंभीर है ये इससे समझ सकते है कि आये दिन कस्बे के नागरिक और नगरपालिका पार्षद सहित गणमान्यजन ज्ञापन देते रहते है। गुरुवार को हुई उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई में भी उपखण्ड अधिकारी श्रीमती उमा मित्तल के समक्ष सबसे ज्यादा शिकायते जलदाय विभाग की ही आई थी। स्थानीय अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों से मुख मोड़ रखा है। हालात ये है कि बिना किसी सुपरविजन वाला ये विभाग अपने ही अधिकारियों की लापरवाही के कारण आमजन में विश्वास खोता जा रहा है। ना तो यहाँ के एईएन और ना ही जेईएन कभी नागरिको को विभाग के कार्यालय में मिलते है। श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचन्द सारस्वत की लाख कोशिशों के बावजूद भी इस विभाग के कर्मचारियों ने अपनी मनमानी नही छोड़ी है। जहां विधायक आमजन के हितों के लिये तत्पर रहकर पेयजल समस्या के निरकक लिये राज्य स्तर पर अपने प्रयास कर रहब है वही यहाँ के अधिकारियों ने जनता को इस भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिये भी वंचित कर रखा है।
ठेकेदार और जलदाय विभाग की मिलीभगत से आमजन परेशान
श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में पीने के पानी की कभी भी कमी नहीं रही है। यहाँ पर्याप्त मात्रा में पेयजल है लेकिन विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ना करने की कसम खा रखी है। श्रीडूंगरगढ़ के चारो बासो में ऐसा कोई वार्ड नही है जो पेयजल समस्या से ना जूझ रहा हो। जनप्रतिनिधियों ने समय समय पर विभाग की आंखे खोलने के लिये ज्ञापन दिए है और प्रदर्शन भी किये है लेकिन विभाग ने जैसे काम ना करने की सौगंध ले रखी है। ना विभाग आमजन की सुन रहा है ना ही ठेकेदार अपना कार्य सुचारू रूप से कर रहे है।
ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत ऐसी है कि श्रीडूंगरगढ़ में कुँए चलाने वाले ठेकाकार्मिक 24-24 घण्टे ड्यूटी पर कार्यरत है। कस्बे के कोर्ट के पास टंकी पर कार्यरत ठेकाकार्मिक वहाँ पर 24 घण्टे बिना सोए या घर जाए ड्यूटी पर रहता हैं तो कस्बे के वार्ड एक के ट्यूबवेल की स्थिति भी ऐसी ही है। यहाँ के कार्मिक को भी 24 घण्टे ड्यूटी पर लगाया हुआ है।
विभाग ने ठेकेदार की इस मनमानी पर अपनी आंखें बंद कर रखी है। इससे भी बदतर हालात ये है कि एक ठेकाकार्मिक से तो दो कुँए भी चलवाये जा रहे है। सरदारशहर मार्ग पर नानुदेवी चांडक स्कूल के पास और शिवधोरा आडसरबास के ट्यूबवेल को सिर्फ एक ठेकाकार्मिक चला रहा है। ठेकेदार द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर विभाग ने अपनी आंखें बंद कर रखी है। या ये कह सकते है कि ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ही आमजन पानी के लिए त्राहिमाम कर रहा है।
ठेकेदार द्वारा टयूबवेलों पर कार्मिक नहीं लगाए जाने का भुगतान आम जनता को करना पड़ रहा है। ठेकेदार द्वारा ठेकाकार्मिक नही लगाए जा रहे जिससे जलहौद भर जाने पर भी मोटर को बन्द नही किया जाता है इस कारण जनता के हक़ का पीने का पानी व्यर्थ ही नालियों में बह जाता है। भादू कुँए के हालात भी यही बयान कर रहे है।
नीचे दिए गए लिंक से देखे वीडियो…
https://youtube.com/shorts/Dy2w26uZemQ?si=T-_Mbn58fGxD0BW0

