




द खबर एक्सप्रेस 18 सितंबर 2023। हृदय रोग, वैश्विक स्तर पर मृत्यु के बढ़ते जोखिमों में से एक हैं। कोरोना संक्रमण के बाद इसका खतरा और तेजी से बढ़ता जा रहा है। आलम ये है कि अब कम उम्र के लोग भी इस गंभीर रोग के शिकार हो रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में 12 साल के बच्चे की हार्ट अटैक से मौत हुई है जिसने एक बार फिर से युवा आबादी-बच्चों में बढ़ते इस रोग के खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण समय के साथ इस गंभीर रोग का खतरा सभी उम्र वालों में काफी बढ़ गया है।
हृदय रोगों से संबंधित समस्याएं कई प्रकार की हो सकती हैं, अक्सर इनको लेकर लोगों में कंफ्यूजन देखा जाता रहा है। हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर ऐसी ही समस्याएं हैं, जिन्हें ज्यादातर लोग एक ही मानते हैं, जबकि ये दो अलग-अलग समस्याएं हैं।
आइए जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है और इसकी पहचान कैसे की जा सकती है…?
पहले हार्ट अटैक के बारे में जानिए
हार्ट अटैक को दिल का दौरा पड़ने के नाम से भी जाना जाता है, इसका जोखिम पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ा है। हृदय के एक हिस्से में रक्त के प्रवाह में अचानक आई कमी के कारण यह समस्या होती है। कुछ स्थितियां रक्त के सामान्य प्रवाह में रुकावट का कारण बन सकती हैं, जिसके कारण हार्ट अटैक होता है।
यदि हृदय में रक्त का प्रवाह सामान्य नहीं है, तो इससे हृदय की मांसपेशियों का वह भाग खराब होने लगता है जिसके कारण गंभीर जटिलताओं के विकसित होने का भी जोखिम रहता है।
हार्ट अटैक के कारण और लक्षण
हमारी दिनचर्या और आहार की कई गड़बड़ आदतों के कारण हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज को हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। हार्ट अटैक की स्थिति में रोगी को तुरंत आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता होती है, अगर समय पर सीपीआर और चिकित्सा मिल जाए तो इससे जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।
हार्ट अटैक की स्थिति में हर बार पहले से लक्षणों का नजर आना जरूरी नहीं है, हालांकि ज्यादातर लोगों को सीने में दर्द या बेचैनी, शरीर के बाएं हिस्से बांह, पीठ, कंधे, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द होने के साथ सांस लेने में कठिनाई महसूस हो सकती है। ऐसी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
अब जानिए क्या है हार्ट फेलियर
हार्ट फेलियर भी हार्ट अटैक की तरह ही एक गंभीर समस्या है जिसके जानलेवा परिणाम हो सकते हैं। हार्ट फेलियर वह स्थिति है जब हृदय शरीर के चारों ओर पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पा रहा होता है। हृदय में पर्याप्त रक्त न पहुंचने या हृदय के ठीक से पंप करने में कमजोरी के कारण ये दिक्कत हो सकती है। हर साल लाखों लोगों की मौत हार्ट फेलियर के कारण हो जाती है।
हार्ट फेलियर के कारण और लक्षणों को जानिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, ऐसे कई कारक हैं जो हार्ट फेलियर की समस्या का कारण बन सकते हैं। ज्यादातर मामलों में यह अन्य चिकित्सीय स्थितियों जैसे हृदय पर अत्यधिक दबाव या चोट-संक्रमण के कारण हृदय को हुई क्षति के कारण होती है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि हार्ट फेलियर हृदय के बाएं और दाएं दोनों हिस्सों को प्रभावित कर सकती है।
हार्ट फेलियर की स्थिति में सांस की तकलीफ होना सबसे कॉमन समस्या है, जैसे-जैसे हृदय कमजोर होता जाता है, ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
संबंधित बीमारी या समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

