



द खबर एक्सप्रेस 11 सितंबर 2023। श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के चार मंडल अध्यक्ष है। श्रीडूंगरगढ़ मंडल कार्यकारिणी में लगभग 18 पदाधिकारी है। इस मंडल के करीब 40 बूथों पर 7 शक्तिकेन्द्र है। इनमें भी लगभग 40 सदस्य। इसके अलावा हर बूथ पर पन्ना प्रमुख यानी कि हजार से ज्यादा पन्ना प्रमुख। इसके अलावा अलग अलग प्रकोष्ठ, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और छात्र संगठन। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका के हारे-जीते भाजपा के 40 पार्षद। ये है भारतीय जनता पार्टी की सांगठनिक संरचना। एक विधानसभा में ही हजारो में पदाधिकारी। वर्तमान में स्थानीय भारतीय जनता पार्टी में ही दर्जन भर उम्मीदवार है जो आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट की आस लगाए बैठे है।
कल जब भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन संकल्प यात्रा श्रीडूंगरगढ़ पहुंची तो मंच के हालात ये थे कि मंच पर भाजपा के इतने नेता बैठे थे कि मंच भी छोटा पड़ रहा था।

स्थानीय भाजपा नेताओं ने परिवर्तन यात्रा की आगमन से पूर्व श्रीडूंगरगढ़ के चप्पे चप्पे पर अपने बैनर-होर्डिंग्स के द्वारा इस यात्रा की तैयारियां भी खूब की थी। और परिवर्तन यात्रा को अपनी टिकट के लिए शक्ति प्रदर्शन का जरिया भी बनाने की कोशिशें की। परिवर्तन संकल्प यात्रा की जनसभा को विशाल और वृहत बनाने का दावा भी इन भाजपाई नेताओ द्वारा किया जा रहा था। लेकिन जब परिवर्तन यात्रा पहुंची तब इन सभी नेताओं के दावों की कलई खुल गयी। ये नेता मंच पर बैठने के लिए जितनी कोशिश कर रहे थे अगर उतनी कोशिश भाजपा समर्थकों को सभा तक लाने में करते तो ये सभा ओर भी शानदार हो जाती।

जितने बड़े बड़े दावे स्थानीय भाजपा नेताओं ने किए थे और जितने बैनर-होर्डिंग्स इन स्थानीय नेताओं ने लगाये थे उसका कहीं भी असर इस जनसभा में दिखाई नही दिया। जितने लोगो को इस सभा मे दिखना चाहिए था वो कहीं भी नही दिखे। श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा के अंसख्य भाजपा पदाधिकारियों के प्रयास कही भी नजर नही आरहे थे। लोगो का कहना है कि जितने भाजपा के पदाधिकारी है उतने तो आमजन ही इस सभा मे नही आये थे।
श्रीडूंगरगढ़ भाजपा ने किया निराश
श्रीडूंगरगढ़ कस्बे को भाजपा का गढ़ माना गया है लेकिन गत विधानसभा चुनाव और उसके बाद नगरपालिका चुनावो के बाद कि स्थित इतनी बदतर हुई है कि शहर में भारतीय जनता पार्टी के आम कार्यकर्ता भी लगभग निष्क्रिय हो गए है। श्रीडूंगरगढ़ के स्थानीय नेताओं की खींचतान किसी से भी छुपी हुई नही है जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ रहा है। पार्टी का कोर वोट बैंक ही बिखरने लगा है। इसका कुप्रभाव यह रहा कि इस परिवर्तन यात्रा में शहर के भाजपा वोटर्स ना के बराबर थे। भाजपा की शहर कार्यकारिणी के सदस्य भी अपनी जिम्मेदारियों का पर्याप्त निर्वाह करते हुए नही दिखाई दे रहे। संगठन की निष्क्रियता ने शहर में भाजपा को नुकसान की स्थिति में ला दिया है। भारतीय जनता पार्टी का कोई भी पार्षद इतने काबिल नहीं है कि वो अपने साथ अपने वार्ड से भी कार्यकर्ताओ को सभा स्थल तक ला सके। श्रीडूंगरगढ़ भाजपा की ही विफलता थी कि गत नगरपालिका उपचुनाव में भाजपा अपनी सीट ही गंवा बैठी। श्रीडूंगरगढ़ के इन हालातों का जिम्मेदार काफी हद तक श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका है जो श्रीडूंगरगढ़ वासियो की उम्मीदों पर खरा नही उतरी है। श्रीडूंगरगढ़ में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। सड़क लाइट्स के हालात बहुत बुरे है। घर घर कचरा संग्रहण वाहनों की अवस्था बदतर हालात में है। सड़को की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। इसके अलावा कोढ़ में खाज का काम श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका पर लग रहे तरह तरह के भ्रष्टाचार के आरोप और हरदिन हो रहे नये नये कारनामो ने किया है।
विधानसभा चुनाव बिलकुल नजदीक है और अगर भारतीय जनता पार्टी की यही स्थिति रही तो हालात गंभीर बने रह सकते है। भारतीय जनता पार्टी को चुनावी वैतरणी को पार लगाने में जमकर पसीना आने वाला है।

