



द खबर एक्सप्रेस 27 अगस्त 2023। राजस्थान विधानसभा चुनावों की तारीख कभी भी जारी हो सकती है। सभी राजनैतिक दलों ने कमर कस ली है। पार्टीयो के टिकटार्थी नेताओ ने पार्टी कार्यालयों और जनता के बीच अपने वादों-इरादों के साथ पहुंचना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी राजस्थान के विधानसभा चुनावों के इतिहास को बदलने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं।
कांग्रेस ने जिलावार प्रभारियों की नियुक्ति करके संभावित उम्मीदवारों से आवेदन मांगे है। सबसे पहले ब्लॉक अध्यक्षो ने ब्लॉक स्तरीय आवेदन लिए, फिर जिलाध्यक्षो को भी आवेदन दिए गए। कल बीकानेर में प्रदेश कांग्रेस से बीकानेर प्रभारी हरीश चौधरी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। जहां जिले भर से कांग्रेस के विधानसभा चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवारों ने अपना अपना आवेदन विधानसभा प्रभारी को सौंपा।

श्रीडूंगरगढ़ में किसके सिर सजेगा ताज….
श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा से संभावित उम्मीदवारों की सूची लंबी हो गयी है। श्रीडूंगरगढ़ कांग्रेस अभी पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रही है। 1998 से लगातार सक्रिय पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा ने एक क्षत्रप की तरह एकछत्र राज किया है। पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा को जनता ने 1998 में शानदार जीत के साथ विधानसभा में भेजा था। उस समय कांग्रेस के बड़े नेताओं और चुरू के सांसद नरेंद्र बुडानिया ने तत्कालीन चुनावी समर में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उसके बाद के चुनावों में मंगलाराम गोदारा की स्थिति में परिवर्तन होता रहा और 2013 के चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता किसनाराम नाई ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। लगातार तीन जीत 1998- 2003 – 2008 के बाद मंगलाराम गोदारा का विजयरथ 2013 में आकर किसनाराम नाई ने रोका वो 2018 में माकपा के वर्तमान विधायक गिरधारी लाल महिया के हाथों हार से बिल्कुल थम ही गया।
मंगलाराम गोदारा के सामने टिकट मांगने वाले कोई भी कांग्रेस के नेता दूर तक नजर नही आते थे वहीं आज स्थितियां इतनी बदल चुकी है कि श्रीडूंगरगढ़ कांग्रेस से एक दर्जन से अधिक कांग्रेस के नेता विधानसभा की टिकट के लिये कतार में खड़े है। विगत पंचायतीराज चुनावो में पूर्व विधायक ने अपनी राजनीति रणनीतिक सूझबूझ का परिचय देते हुए जिस प्रकार अपनी पुत्रवधू को प्रधान बनाया उससे उनकी स्थिति फिर संभलती दिखी। पूर्व विधायक को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे नजदीकी सिपहसालारों में एक गिना जाता था वहाँ स्थितियां गत विधानसभा चुनावों 2018 में बदल गयी क्योंकि अशोक गहलोत सरकार को अपनी सरकार को चलाने के लिए माकपा से जीते हुए गिरधारीलाल महिया को अपने साथ लेना पड़ा जिससे श्रीडूंगरगढ़ की कांग्रेस की राजनीति लगभग किनारे होती चली गयी और शासन प्रशासन में विधायक गिरधारी लाल महिया का हस्तक्षेप बढ़ता चला गया।
लगातार दो हार के बाद बदली परिस्थितियों के कारण पूर्व विधायक के सुपुत्र केसराराम गोदारा ने अपनी राजनीतिक पैठ बनानी शुरू की जो आज श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा के संभावित सूची में पूर्व विधायक मंगलाराम के उत्तराधिकारी के रूप में नजर आ रहे है।

श्रीडूंगरगढ़ में कांग्रेस की इस बदलती परिस्थितियों ने क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य को पूरा ही बदल दिया। आज श्रीडूंगरगढ़ कांग्रेस में अपनी राजनीतिक गतिविधियो से कई कांग्रेसी नेताओं ने अपनी स्थिति को मजबूत बनाया है। इसी कड़ी में सबसे पहला नाम युवा कांग्रेसी नेता और पीसीसी सदस्य हरीराम बाना का है। जिन्होंने अपनी लगातार सक्रियता से श्रीडूंगरगढ़ कांग्रेस में अपना अलग मुकाम बनाया है। क्षेत्र के जाट नेता रामेश्वर डूडी के नजदीकी माने जाने वाले हरीराम बाना छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहे है और विगत सालों में उन्होंने जनता से जुड़कर कांग्रेस की जनहितकारी योजनाओं को जनता के बीच ले जाने का कार्य किया है। वर्तमान में बाना राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की योजनाओं को हर घर तक ले जा रहे है और जनता में अपनी छाप छोड़ रहे है। अपनी युवा टीम के साथ लगातार सक्रिय है। आज जब श्रीडूंगरगढ़ से कांग्रेस के अगले उम्मीदवार की चर्चा होती है तब बाना का नाम विशेष रूप से ध्यान आकृष्ट करता है।

श्रीडूंगरगढ़ कांग्रेस से संभावितों के सूची में जो अगला नाम क्षेत्रवासियों की जुबान पर है वो नाम है मूलाराम भादू का। अन्य पिछड़ा वर्ग के स्टेट कॉर्डिनेटर मूलाराम भादू छात्र राजनीति में पॉलिटेक्निक कॉलेज से कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से चुनाव लड़ चुके है। पिछले चुनाव में भी भादू ने अपनी दावेदारी जताई थी। क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय है और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी राजस्थान से प्रदेश यात्री रहे है। क्षेत्र में भी हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के अंतर्गत जनता से रूबरू हुए है। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के नेताओ से नजदीकी के कारण क्षेत्र में टिकटार्थियों की सूची में आमजन की जुबान पर इनका नाम है। बिना किसी राजनीतिक विरासत के भादू श्रीडूंगरगढ़ की कांग्रेस की राजनीति अपना अलग स्थान बनाये हुए है।

श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र से युवा राजनीति में सक्रिय रहे और भारतीय किसान संघ टिकेट के पदाधिकारी रहे पूनम नैण ने भी अपनी उम्मीदवारी जताकर इस चुनाव को रोचक बना दिया है। इन्हें भी क्षेत्र के जाट नेता रामेश्वर डूडी का नजदीकी माना जाता है। क्षेत्र के कांग्रेसी युवाओ में ये खासे लोकप्रिय है। साथ ही किसान आंदोलन में भी श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के अगुआ बने थे और मोदी सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन में श्रीडूंगरगढ़ से किसानों का नेतृत्व किया था। प्रदेश और देश के बड़े कांग्रेसी नेताओं से इनके संपर्क जगजाहिर है।
संभावित उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा सुर्खियां समदसर से सरपंच प्रतिनिधि इमिलाल गोदारा के आवेदन ने बटोरी है। इमिलाल गोदारा शुरुआत से ही पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा के खेमे के माने जाते रहे है। जयपुर में प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं से इनके संपर्क है। गोदारा ने इस सरपंच के कार्यकाल में जनहित के अनेक कार्य किये है। आमजन में चर्चा है कि प्रदेश और देश के कांग्रेस के नेताओ से नजदीकी संपर्क के कारण संभावित उम्मीदवारों में ये सबसे मजबूत उम्मीदवार है।

इन संभावित उम्मीदवारों में श्रीडूंगरगढ़ शहर से एकमात्र आवेदन क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी, समाजसेवी तुलसीराम चोरडिया के नाम ने सबसे ज्यादा चौकाया है। चोरडिया छात्र राजनीति से सक्रिय है। कांग्रेस के विभिन्न संगठनों में पदाधिकारी रहे है। पूर्व पार्षद रहे है। इनके बारे में कहा जाता है कि ये अशोक गहलोत के साथ रहे है और इनकी राजनीति गहलोत के साथ ही शुरू हुई थी और अशोक गहलोत के व्यक्तिगत लोगो मे से एक है। चोरडिया शहर में अपनी सामाजिक सेवाओ के लिये प्रसिद्ध है। किसी भी व्यक्ति के किसी भी कार्य को निस्वार्थ भाव से करना ही उनकी आदतों में शुमार है।
बीकानेर जिला प्रभारी को श्रीडूंगरगढ़ से संभावितों के जो आवेदन प्राप्त हुए है और जिनकी जानकारी अभी तक द खबर एक्सप्रेस के पास आई है वो इस प्रकार है। मंगलाराम गोदारा, केसराराम गोदारा, तुलसीराम गोदारा, इमिलाल गोदारा, हरीराम बाना, मूलाराम भादू, प्रभुराम बाना, श्रीमती धाई देवी, पूनमचंद नैण, राजेन्द्र मेघवाल बापेऊ, मुनीराम दुसाद, तुलसीराम चोरडिया, सुरजाराम भुंवाल, हेतराम जाखड़, गोरधन खिलेरी, राधेश्याम सिद्ध, मूलाराम थोरी, हरीराम गोदारा ने ब्लॉक में, जिला में और प्रभारी को अपने आवेदन दिए है।
अब देखना ये है कि कांग्रेस आलाकमान किस संभावित उम्मीदवार को अपना उम्मीदवार घोषित करेंगे।

